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प्याज की कीमत

आखिर किस वजह से प्याज की कीमतों में आई रिकॉर्ड तोड़ गिरावट

आखिर किस वजह से प्याज की कीमतों में आई रिकॉर्ड तोड़ गिरावट

प्याज का अत्यधिक उत्पादन होने की वजह से उसकी कीमतों पर काफी प्रभाव पड़ता दिख रहा है। देश की मंडियों में प्याज का भंडारण हो चुका है। दरअसल, प्याज की आवक जरूरत से ज्यादा होने की वजह से प्याज की उतनी खपत बाजार में नहीं हो पा रही है। एक तरफ जहां चीनी उत्पादन कम होने के चलते इसकी कीमतें बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही है, तो उधर दालों की भी कीमतें बढ़ गई हैं। परंतु, एक सहूलियत आमजनता को प्याज की कीमतों को लेकर जरूर मिल रही है। देश में प्याज की कीमतों में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है। प्याज की कीमतें कम होने से जहां व्यापारी परेशान हैं। वहीं, किसान भी परेशान हो गए हैं। अब हम जानने का प्रयास करते हैं, कि प्याज की कीमतों का बुरा हाल आखिर क्यों हुआ है। इससे किसानों को क्या नुकसान हो सकता है।

इन राज्यों में हुआ प्याज का बेहतरीन उत्पादन

जानकारी के लिए बतादें कि भारत में राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में प्याज का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन हुआ है। इस उत्पादन की खपत करना ही किसानों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। बेहतरीन उत्पादन होना ही कीमत कम होने की सबसे प्रमुख और बड़ी वजह मानी जा रही है। साथ ही, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से मौसम में नमी अच्छी खासी हो गई है। इससे प्याज के खराब होने का खतरा काफी बढ़ गया है। किसान इसी वजह से औने-पौने कीमतों में अपनी प्याज बाजार में बेच रहे हैं।

मंडियों में जरुरत से ज्यादा प्याज का भंडारण

बेमौसम बरसात होने की वजह से प्याज की कीमतें काफी सस्ती होती जा रही है। प्याज बर्बाद न हो, इसी वजह से बड़ा भंडारण बाजार में भेजा जा रहा है। किसान प्याज खराब होने के भय से मंडियों में ले जा रहे हैं। मंडियों में अंधाधुंध प्याज का स्टॉक जमा होना शुरू हो चुका है। परंतु, बाजार में प्याज की खपत न होने की वजह से प्याज की कीमतों में बेहद गिरावट दर्ज की जा रही है।

प्याज 1 से 2 रुपए किलो तक बिकी है

विगत कुछ माह में प्याज की कीमतों की बुरी स्थिति हो रही है। मीडिया खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले किसान राजेन्द्र तुकाराम चौव्हाण ने फरवरी माह में 2 रुपये प्रति किलो में 512 किलो प्याज विक्रय कर दी थी। अनुमान लगाया जा सकता है, कि किसान 70 किलोमीटर वाहन से आने के उपरांत प्याज लादकर मंडी आए थे। मंडी में उनसे एक से दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज खरीद लिया था। इससे तो उनका भाड़ा तक भी नहीं निकला पाया था।
खुशखबरी: देश की राजधानी दिल्ली में अब प्याज की महंगाई नहीं निकालेगी आंशू

खुशखबरी: देश की राजधानी दिल्ली में अब प्याज की महंगाई नहीं निकालेगी आंशू

देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए थे। इसके उपरांत एक के बाद एक सब्जियों की बढ़ती कीमतों से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। परंतु, वहीं जनता के लिए खुशखबरी की यह बात है कि NCCF बफर प्याज की खुदरा बिक्री चालू करेंगे। बतादें, कि विगत दिनों धनिया, प्याज, अदरक और टमाटर आदि सभी सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी से जनता की जेब पर बेहद प्रभाव पड़ा है। ग्रहणियों का कहना है, कि मंहगाई के कारण से रसोई का बजट डगमगा गया था, इससे सही सलामत देशवासियों का जीना दुश्वार हो गया। साथ ही, आज से दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ सस्ती दरों पर प्याज बेचना शुरु करेगा। प्याज की कीमतों में निरंतर वृद्धि के मध्य सरकारी बफर स्टॉक से खुदरा प्याज की बिक्री 25 रुपये प्रति किलो के भाव पर शुरू होगी। जहां एक ओर टमाटर की महंगाई से जनता दीर्घकाल से परेशान थी। वहीं, फिलहाल टमाटर के भावों में गिरावट देखने को मिली है। परंतु, प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। इस वजह से जनता को महंगाई से थोड़ी सहूलियत प्रदान करने के लिए सरकार आज मतलब 21 अगस्त से सस्ती कीमतों पर प्याज बेचने की कवायद आरंभ कर रही है। ये भी देखें: सब्जियों के साथ-साथ मसालों के बढ़ते दामों से लोगों की रसोई का बिगड़ा बजट उपभोक्ता विभाग के मुताबिक, दिल्ली में हाल ही में एक किलो प्याज 37 रुपये में बिक्रय किया गया। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) पहले से ही केंद्र सरकार की तरफ से कम भाव पर टमाटर बेच रहा है। साथ ही, अब उसे खुदरा बफर प्याज का कार्यभार भी सौंपा गया है। NCCF के प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा का कहना है, कि "शुरुआत में, हम दिल्ली में बफर प्याज की खुदरा बिक्री चालू करेंगे। हम अपने मोबाइल वैन और दो खुदरा दुकानों के जरिए से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचेंगे।" दिल्ली में 21 अगस्त को तकरीबन 10 मोबाइल वैन भेजी जाएंगी। साथ ही, आहिस्ते-आहिस्ते इसका दायरा और अधिक बढ़ाया जाएगा। इसके अतिरिक्त NCCF दिल्ली में नेहरू प्लेस एवं ओखला में मौजूद अपने दो खुदरा दुकानों के माध्यम से भी प्याज बेचेगा। NCCF ने ONDC प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन प्याज बेचने की भी योजना तैयार की है। परंतु, फिलहाल इसको जारी नहीं किया गया है। सरकार ने असम, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश को वर्तमान में प्राथमिकता दी है। दरअसल, इन पांच प्रदेशों में थोक एवं खुदरा दोनों बाजारों में बफर प्याज का निपटान करके उपलब्धता को बढ़ाया जा रहा है। दिल्ली में यह बिक्री 21 अगस्त से चालू हो जाएगी, जबकि बाकी 4 राज्यों में 2 दिन पश्चात बिक्री शुरू होगी। ये भी देखें: जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है NCCF विगत एक माह से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में रियायती भाव पर टमाटर विक्रय कर रहा है। आरंभ में जब खुदरा बाजार में भाव ₹250 प्रति किलो तक पहुंच गया तो इसकी बिक्री ₹90 प्रति किलो पर चालू हुई। अब आवक में काफी सकारात्मक सुधार आया है, तो अनुदानित दर घटाकर 40 रुपये प्रति किलो निर्धारित कर दी गई है।
ई-नाम के माध्यम से नेफेड और एनसीसीएफ ने हजारों टन प्याज बेची

ई-नाम के माध्यम से नेफेड और एनसीसीएफ ने हजारों टन प्याज बेची

नेफेड ने अब तक पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की कई सारी मंडियों में 3,000 टन से ज्यादा प्याज भेजा है। वहीं, उत्तर प्रदेश की मंडियों में बिक्री शुरू करने के लिए उपभोक्ता मंत्रालय से स्वीकृति मांगी है। सूत्रों का कहना है, कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों को शुरुआत में कवर किए जाने की संभावना है। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ एवं राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता फेडरेशन (एनसीसीएफ) ने 30-31 अगस्त को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई-नाम के जरिए से 900 टन से ज्यादा प्याज बिक्री की। इसमें अंतर-राज्य लेनदेन के जरिए से 152 टन का व्यापार भी शम्मिलित है। ई-नाम प्लेटफॉर्म के जरिए से प्याज की बिक्री महाराष्ट्र की कुछ मंडियों में व्यापारियों के विरोध पर सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया थी। जहां उन्होंने प्याज पर लगाए गए 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के विरोध में नीलामी रोक दी थी। जवाब में, सरकार ने नेफेड और एनसीसीएफ दोनों को प्याज भंडारण जारी करने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने का निर्देश दिया था। इस बिक्री का उद्देश्य, प्याज के भाव को न बढ़ने देना था। हालांकि, सरकार के इन प्रयासों से प्याज किसानों को काफी हानि हुई थी। परंतु, सरकार ने किसानों को दरकिनार कर केवल उपभोक्ता के हितों का ध्यान रखा। सरकार नहीं चाहती थी, कि टमाटर के पश्चात अब प्याज की भी महंगाई बढ़े। साथ ही, इसको लेकर कोई हंगामा हो, क्योंकि उसे शीघ्र ही चुनाव का सामना करना है।

ई-नाम के माध्यम से बिक्री बढ़ने की संभावना

नेफेड जिसने ई-नाम के जरिए से प्याज की बिक्री चालू की थी। महाराष्ट्र के लासलगांव से भौतिक स्टॉक लेने के पश्चात एक राज्य के भीतर ही 5,08.11 टन बेचने में सक्षम रहा। राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) ने राज्य के भीतर मंडी एवं अंतर-राज्य लेनदेन दोनों का इस्तेमाल किया। लासलगांव मंडी महाराष्ट्र के नासिक में मौजूद है। यह दावा किया जाता है, कि यह एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। ये भी पढ़े: आखिर किस वजह से प्याज की कीमतों में आई रिकॉर्ड तोड़ गिरावट सूत्रों का कहना है, कि दोनों एजेंसियों को ई-नाम के जरिए से बिक्री बढ़ने की संभावना है। यदि नीलामी के दौरान ज्यादा व्यापारियों को मंच पर लाया जाए और उन्हें गुणवत्ता एवं लॉजिस्टिक मुद्दों के विषय में समझाया जाए तो ऐसा हो सकता है। सरकार ने पूर्व में ही ई-नाम पोर्टल पर कृषि क्षेत्र में लॉजिस्टिक मूल्य श्रृंखला की सुविधा प्रदान कर दी है।

किसान किस वजह से हुए काफी नाराज

केंद्र सरकार ने 17 अगस्त को प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी। इसके विरोध में किसानों एवं व्यापारियों ने लासलगांव और पिंपलगांव जैसी मंडियों में हड़ताल करवाकर उसे बंद करवा डाला था। किसानों की नाराजगी को कम करने के लिए सरकार ने 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का निर्णय लिया था। परंतु, आम किसानों को इससे कोई विशेष लाभ नहीं मिला। उधर, सरकार द्वारा पहले से निर्मित किए गए 3 लाख टन के बफर स्टॉक से बाजार में प्याज उतारने का निर्णय किया। उसके बाद 2 लाख टन और खरीद का निर्णय लिया गया। उससे पहले एनसीसीएफ ने तकरीबन 21,000 टन और नेफेड ने तकरीबन 15,000 टन प्याज बेच दिया था। केंद्र ने 11 अगस्त को घोषणा की कि वह उन राज्यों अथवा क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों को टारगेट करके बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज जारी करेगा। जहां खुदरा कीमतें काफी ज्यादा हैं।

नेफेड इन बाजारों में उतारेगा प्याज

आधिकारिक सूत्रों का कहना है, कि नेफेड ने अब तक हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश की विभिन्न मंडियों में 3,000 टन से ज्यादा प्याज भेजा है। साथ ही, उत्तर प्रदेश की मंडियों में बिक्री शुरू करने के लिए उपभोक्ता मंत्रालय से स्वीकृति मांगी है। सूत्रों का कहना है, कि उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज एवं कानपुर जैसे प्रमुख शहरों को शुरुआत में कवर किए जाने की संभावना है। उसके पश्चात प्रतिक्रिया के आधार पर अन्य स्थानों को भी शम्मिलित किया जा सकता है।
प्याज का भाव 70 रुपये किलो के पार, इस पर लगाम लगाएगी सरकार

प्याज का भाव 70 रुपये किलो के पार, इस पर लगाम लगाएगी सरकार

दिल्ली में प्याज का खुदरा भाव 25-50 फीसद तक बढ़ गया हैं। वर्तमान समय में गुणवत्ता के आधार पर 50-70 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। वहीं, दिवाली के चलते कीमतों में गिरावट दर्ज की जा सकती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज का खुदरा मूल्य 25-50 प्रतिशत तक बढ़ गया हैं। वर्तमान समय में गुणवत्ता के आधार पर 50-70 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। यहां तक कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक कंपनी मदर डेयरी ने भी अपनी खुदरा दुकानों पर मूल्य बढ़ा दिया है। साथ ही, प्याज के भाव में बढ़ोतरी भारत सरकार विशेष रूप से दिवाली के दौरान कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए तैयार है। अधिकारियों का मानना है, कि बाजारों में खरीफ फसल की आवक के साथ प्याज की कीमतें कम होने की आशा है। वहीं, भारत सरकार के पास वर्तमान समय में प्याज का 5.07 लाख टन बफर भंडारण है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, प्याज के बफर स्टॉक को और बढ़ाने के लिए सरकार 2 लाख टन और प्याज खरीद रही है। अब ऐसे में कुल बफर स्टॉक तकरीबन 7 लाख टन हो जाएगा।

सरकार बफर स्टॉक से थोक बाजारों में 1.74 लाख टन प्याज बाजार में उतार चुकी है

सचिव का कहना है, कि प्याज का भाव कम करने के लिए पूर्व में ही बफर स्टॉक से थोक बाजारों में तकरीबन 1.74 लाख टन उतारा जा चुका है। वहीं, इस प्याज को मोटे तौर पर भारत के 16 राज्यों में किया गया है, जिनमें आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं।

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दिवाली के समय प्याज के भाव नियंत्रण में रखेगी सरकार

साथ ही, सरकार नवंबर में दिवाली सीजन के दौरान थोक एवं खुदरा बाजारों में अधिक बफर स्टॉक बाजारों में उपलब्ध करा देगी, जिससे मांग बढ़ने पर भी कीमतों में किसी भी प्रकार के इजाफे को रोका जा सकेगा।

खरीफ प्याज की आवक में विलंभ हुआ है

इसी कड़ी में उन्होंने आगे बताया कि बाजारों में खरीफ फसलों की आवक के साथ प्याज की कीमतें कम होने की आशा है। साथ ही, नवंबर के समापन तक कीमतों में भारी कमी आने की संभावना है। भारत के कुछ इलाकों में अनियमित वर्षा की वजह से इस वर्ष खरीफ प्याज की फसल में विलंभ हुआ है। भारत के 228 केंद्रों में प्याज का खुदरा भाव 36.37 रुपये प्रति किलोग्राम से कम बताया गया। प्याज का खुदरा भाव भारत के 274 केंद्रों में 36.37-50 रुपये प्रति किलोग्राम एवं भारत के 43 केंद्रों में 50 रुपये से ज्यादा था। उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे कि नागालैंड और मिजोरम में कीमतों में सर्वाधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया प्याज-टमाटर के दामों में हुई कितनी गिरावट

उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया प्याज-टमाटर के दामों में हुई कितनी गिरावट

जानिए एक महीने में कितने कम हो गए प्याज-टमाटर के दाम

आपने सुना होगा "आसमान से गिरे खजूर में अटके"…. लेकिन प्याज-टमाटर के मामले में "खेत में टूटे..मंडी में पिचके" वाली बात साबित हो रही है… जी हां, प्याज-टमाटर की कीमतों में आई गिरावट के बारे में केंद्र सरकार ने जानकारी दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की जानकारी कहती है कि
मानसूनी बारिश के कारण मंडियों में आवक बढ़ी है। इससे औसत खुदरा मूल्य में पिछले महीने की तुलना में 29 फीसदी गिरावट आई है। मंत्रालय के अनुसार प्याज की खुदरा कीमत भी पिछले साल के मुकाबले 9 प्रतिशत कम यानी काफी हद तक नियंत्रण में है। आम आदमी की बात करें तो पिछले दिनों टमाटर के भाव जहां सुर्ख रहे तो वहीं प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहीं। अंतर की बात करें तो टमाटर की खुदरा कीमत में पिछले माह के मुकाबले 29 जबकि प्याज के दाम में 9 फीसदी तक की कमी आई।

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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार टमाटर के अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य पिछले महीने की तुलना में 29 प्रतिशत कम हुए। मंत्रालय के आंकड़े कहते हैं कि, टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य मंगलवार को 37.35 रुपए प्रति किलोग्राम था। एक महीने पहले की समान अवधि में टमाटर की कीमत 52.5 रुपए प्रति किलोग्राम थी। बीते दिनों टमाटर के दाम (Tomato Price) में बढ़त के कारण आम जनता को खासी परेशानी हुई थी। टमाटर के मुकाबले हालांकि प्याज की कीमतें (Onion Price) नियंत्रण में रहीं।

बफर स्टॉक का सहारा -

भविष्य में भी प्याज की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे इंतजाम के बारे में भी जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने बताया है कि, सरकार ने चालू वर्ष में प्याज के 2.50 लाख टन भंडारण की व्यवस्था की है। ये भी पढ़े: अत्यधिक गर्मी से खराब हो रहे हैं आलू और प्याज, तो अपनाएं ये तरीके आज यह अभी तक का सबसे अधिक खरीदा गया प्याज का बफर स्टॉक है। मंत्रालय का कहना है कि बफर की खरीद ने कृषि मंत्रालय द्वारा 317.03 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद इस साल, प्याज के मंडी दाम को टूटने से बचाने में मदद प्रदान की है। बताया गया है कि, अगस्त-दिसंबर के दौरान कीमतों की तेजी को कम करने के लिए प्याज का बफर स्टॉक सुनियोजित तरीके से जारी किया जाएगा। इस संग्रह को लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से रिलीज़ किया जाएगा। इसे खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए राज्यों और सरकारी एजेंसियों को प्रदान किया जाएगा। खुले बाजार में जारी करने के लिए उन राज्यों/शहरों को लक्षित किया जाएगा, जहां कीमत पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही है।
केंद्र सरकार ने त्यौहार आने से पहले महंगाई पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी की

केंद्र सरकार ने त्यौहार आने से पहले महंगाई पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी की

केंद्र सरकार ने दुर्गा पूजा एवं दीपावली जैसे त्यौहार आने से पूर्व महंगाई पर लगाम लगाने का सारा प्रबंध कर लिया था। सरकार का ध्यान आम जनता के साथ साथ किसान भाइयों के ऊपर पर ही है। इसी कारण से केंद्र ने रोज किस्म की प्याज की एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा दी है। केंद्र सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों के फायदे में बड़ा निर्णय लिया है। उसने प्याज पर से निर्यात ड्यूटी हटा दी है। इससे लाखों किसानों ने सहूलियत की सांस ली है। ऐसा कहा जा रहा है, कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। उन्हें अब प्याज का अच्छा भाव मिल सकेगा। वहीं, वित्त मंत्रालय ने प्याज पर से एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाए जाने को लेकर एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। विशेष बात यह है, कि केंद्र सरकार ने सिर्फ बेंगलुरु रोज किस्म के प्याज पर से एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाई है। सरकार ने जारी नोटिफिकेशन में कहा है, कि कुछ शर्तों के साथ एक्सपोर्ट की मंजूरी दी गई है। सरकार का मानना है, कि उसके इस निर्णय से प्याज उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

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प्याज किस भाव पर बिक रही है

दरअसल, केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए बीते अगस्त माह में प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत ड्यूटी लगाई थी। तब सरकार ने कहा था कि महंगाई को काबू करने के लिए उसने यह निर्णय लिया है। 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी जारी रहेगी। सरकार को आशा थी, कि ऐसा करने से देश से प्याज का निर्यात कम हो जाएगा। इससे प्याज का भंडारण बढ़ जाएगा। ऐसे में प्याज की कीमतों में गिरावट चालू हो जाएगी। हालांकि, सरकार के इस निर्णय से प्याज की कीमतों में कुछ गिरावट आई है। 40 रुपये किलो मिलने वाला प्याज वर्तमान में 30 से 35 रुपये किलो बिक रहा है।

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प्याज की सप्लाई इन देशों में होती है

बतादें, कि बेंगलुरु रोज किस्म की विदेशों में काफी ज्यादा मांग है। इसका सबसे ज्यादा निर्यात थाईलैंड, ताइवान, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में होता है। साथ ही, कर्नाटक के बागबानी आयुक्त से निर्यात किये जाने वाले बेंगलुरु रोज प्याज और उसकी गुणवत्ता को लेकर निर्यातक को प्रमाणपत्र दिखाना पड़ेगा। क्योंकि, सरकार ने प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया है।
इस राज्य की मंडियों में लाल प्याज भारी मात्रा में आवक से जाम

इस राज्य की मंडियों में लाल प्याज भारी मात्रा में आवक से जाम

आपकी जानकारी के बतादें, कि इस साल बारिश के अभाव की वजह से लाल प्याज की आवक विलंभ से हो रही है। इसकी रोपाई विलंभ से हुई थी, क्योंक‍ि राज्य के ज्यादातर ह‍िस्सों में मॉनसून की वर्षा काफी विलंभ से शुरू हुई थी। किसानों को यह आशा है, कि आने वाले समय में बाजार में नया प्याज भरपूर मात्रा में आने तक प्याज की कीमतें स्थिर रहेंगी।

बतादें कि देश के महाराष्ट्र राज्य में वाश‍िम ज‍िला स्थ‍ित करंजाड उपबाजार में प्याज की शानदार आवक हो रही है। बतादें, कि लगभग एक हजार वाहनों से करीब 19 हजार 500 क्विंटल ग्रीष्मकालीन लाल प्याज की आवक हुई। लाल प्याज को ग्रीष्मकालीन प्याज के मुकाबले में ज्यादा कीमत मिली है।

बाजार समिति के सभापति मनीषा पगार और सचिव संतोष गायकवाड के मुताबिक ग्रीष्मकालीन प्याज को सबसे ज्यादा 3300 से 3695 रुपये प्रति क्विंटल एवं औसत भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल म‍िला है। उसके मुकाबले में लाल प्याज को अध‍िकतम 4150 रुपये और औसतन 3600 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य म‍िला। दिवाली के पंद्रह दिन के अवकाश के पश्चात सोमवार को प्याज बाजार खुलने के बाद से ही प्याज की बेहतरीन आवक हो रही है। ग्रीष्मकालीन प्याज का मौसम अपने आखिरी चरण में है। साथ ही, आशा है कि आगामी समय में प्याज की कीमतें स्थिर रहेंगी। 

लाल प्याज की आवक में देरी का कारण 

इस वर्ष मौसम की बेरुखी मतलब कि बारिश के अभाव की वजह से लाल प्याज की आवक विलंभ से हो रही है। दरअसल, इसकी रोपाई काफी विलंभ से हुई थी। क्योंक‍ि, राज्य के ज्यादातर ह‍िस्सों में मॉनसून की वर्षा काफी विलंभ से हुई थी। किसानों को आशा है, कि आगामी समय में बाजार में नवीन प्याज भरपूर मात्रा में आने तक प्याज की कीमतें नियंत्रित रहेंगी। दिवाली से पूर्व प्याज की कीमतें 5,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी थीं। यही वजह थी, क‍ि बाजार में केवल ग्रीष्मकालीन प्याज था, नया प्याज आया ही नहीं था। खरीफ सीजन वाले लाल प्याज की आवक शुरू हो गई है। इससे कीमत स्थ‍िर हो गई है।

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सरकार कृषकों की सहायता के ल‍िए क्यों नहीं आती 

हालांक‍ि, अतीत में, हजारों कृषकों ने अपना प्याज सस्ती कीमतों पर बेचा है। प्याज उत्पादक किसान संघ के पदाधिकारियों ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है, कि मूल्य वृद्धि का लाभ किसानों से अधिक व्यापारियों को हो रहा है। पूर्व में जब क‍िसान 200 रुपये क्व‍िंटल प्याज बेच रहे थे, तब सरकार सहायता के ल‍िए सामने नहीं आई। अब जब कीमतें थोड़ी ठीक हुई तो दाम ग‍िराने आ गई। इस प्रकार के रवैये से कृषकों में गुस्सा है। काफी समय तक राज्य के कृषकों ने उत्पादन लागत से कम भाव पर प्याज बेचा है। तब सरकार को उनकी सहायता करनी चाह‍िए थी। 

मंडी सम‍ित‍ि ने कृषकों से क्या अपील की है  

फ‍िलहाल, द‍िवाली के पश्चात मंड‍ियों में प्याज की आवक इतनी ज्यादा हो रही है, क‍ि उससे भरे वाहनों की भीड़ रोड पर जाम लगा रही है। करंजाड उपमंडी परिसर में क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में प्याज की आवक हो रही है। सचिव संतोष गायकवाड, अरुण अहिरे ने अपील करी है, कि किसान माल छांटकर माल बेचें, नीलामी के उपरांत संबंधित व्यापारियों से नकद भुगतान लें। वाहन पार्क करने के दौरान किसान बाजार समिति प्रशासन का सहयोग करें।

फिर से रुला रही टमाटर और प्याज की महंगाई, सरकार उठाऐगी अहम कदम

फिर से रुला रही टमाटर और प्याज की महंगाई, सरकार उठाऐगी अहम कदम

महंगाई का प्रकोप पिछले बहुत से दिनों से विश्वभर के देशों में रहने वाले लोग झेल रहे हैं। भारत भी इसकी मार से बचा नहीं है। देश में बढ़ती महंगाई का प्रभाव खाद्य पदार्थों पर भी देखने को मिल रहा है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सब्जियों की कीमतों में भी काफी अच्छी बढ़ोतरी हो रही है। टमाटर की बात करें तो इसकी कीमत वार्षिक आधार पर 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। साथ ही, ये रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। 

दरअसल, प्याज की भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। हालांकि, प्याज की रिटेल कीमत में 20% फीसद का इजाफा हुआ है। ये बढ़कर 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कुछ खबरों में तो ये भी कहा गया है, कि आगामी वक्त में आलू, टमाटर, प्याज आदि की कीमतों में इजाफा होगा। बीते वर्ष की बात करें तो टमाटर और आलू की कीमतों में कमी देखने को मिली थी। जुलाई 2023 में मानसून प्रतिकूल होने के चलते टमाटर की कीमतों में 200% फीसद से अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली थी।

कीमत को काबू करने के लिए सरकार ने उठाए कड़े कदम

सरकार की तरफ से टमाटर और प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने का कार्य किया जाता है। कुछ समय पहले भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में टमाटर काफी ऊंची कीमतों पर बिका था। कहीं-कहीं तो इसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 250 रुपये तक पहुंच गईं थीं। जिसके बाद सरकार ने मामले को लेकर गंभीर कदम उठाए और इसकी चैन ठीक कर इसकी कीमतों को नियंत्रित किया था।  

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प्याज की महंगाई लोगों को रुला रही है 

वहीं, वर्तमान में प्याज रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिक रहा है। वहीं, इसकी रिटेल कीमतों में बीते तीन माह में 25% प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। अक्टूबर 2023 में प्याज की कीमतों में 74% प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई थी, जिसके पश्चात केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही सरकार की ओर से 25 रुपये के भाव पर प्याज की बिक्री का भी निर्णय किया गया था। केंद्र व महाराष्ट्र सरकार की कोशिशों से नासिक मंडी में 1000 रुपये/क्विंटल से नीचे आ गया है, जो महीने की शुरुआत में 2000 रुपये/क्विंटल तक था।

केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को हटाया, प्याज किसानों में खुशी की लहर

केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को हटाया, प्याज किसानों में खुशी की लहर

प्याज किसानों के लिए एक बड़ी खुशी की खबर है। केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात को हरी झंडी दिखा दी है, जिससे किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी। दरअसल, बीते कुछ वर्षों से प्याज किसानों की दिक्कत-परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं। 

2022 में प्याज की कीमतो में गिरावट के पश्चात किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। हालात ये थे की किसानों को अपना प्याज 1 से 2 रुपये किलो तक में बेचने को मजबूर होना पड़ा था। 

2023 के मध्य तक स्थिति ऐसी ही थी। प्याज की कम कीमत के चलते किसान लागत तक नहीं वसूल पा रहे थे। हालांकि, अगस्त 2023 में प्याज की कीमतों में सुधार देखने को मिला और भाव तेजी से बढ़े। 

परंतु, बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के नियमित आयात पर 40% प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी। लेकिन इससे भी बात नहीं बनी, तो सरकार को मजबूरन कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर बैन लगाना पड़ा था। जो 31 मार्च तक जारी रहेगा।

प्याज निर्यात को केंद्र की हरी झंडी

प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद, महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज का थोक मूल्य 4000 रुपये प्रति क्विंटल से 800 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया था। इस वजह से किसानों की परेशानियां और अधिक बढ़ गई थीं। 

क्योंकि, प्याज को बर्बाद होने से बचाने के लिए कृषकों को लागत से कम कीमत पर प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ा था। लेकिन, लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्याज निर्यात को हरी झंडी दिखा दी है। 

इन देशों में प्याज निर्यात को मंजूरी मिली 

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के 85 दिन बाद, केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखाई है। सरकार ने सशर्त प्याज एक्सपोर्ट को मंजूरी दी है। 

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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में जारी की गई एक अधिसूचना के मुताबिक, भारत से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा। 

दोनों देशों को एक कुल मिलाकर 64,400 टन प्याज निर्यात किया जाएगा। मीडिया खबरों की मानें तो भूटान, मारीशस और बहरीन जैसे देशों में भी प्याज निर्यात को मंजूरी मिली है। इन देशों में तकरीबन 4700 टन प्याज भारत से निर्यात किया जाएगा।